tag:blogger.com,1999:blog-1375421359384278850.post8632369348834960116..comments2023-12-11T23:46:31.119+05:30Comments on मेरा पक्ष: ढोल गवाँर सूद्र पसु नारी: रामचरितमानस के समुद्र प्रसंग का वृहत्तर सन्दर्भ और सरोकार Niraj Kumar Jhahttp://www.blogger.com/profile/04394878135426982858noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1375421359384278850.post-40929727071354027102023-12-11T23:44:42.394+05:302023-12-11T23:44:42.394+05:30टिप्पणी के लिए धन्यवाद। यह भी अनुरोध कि इस आलेख को...टिप्पणी के लिए धन्यवाद। यह भी अनुरोध कि इस आलेख को पढ़ने का कष्ट करें। सादर । <br />Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1375421359384278850.post-70730511262930213272022-03-08T11:41:48.356+05:302022-03-08T11:41:48.356+05:30वर्ण व्यवस्था के अंतर्गत उच्च जातियों में निम्न जा...वर्ण व्यवस्था के अंतर्गत उच्च जातियों में निम्न जातियों और पुरुषों में नारी के प्रति हीन भावना कहीं न कहीं दबी रहती है। ज्यादा चतुर व्यक्ति इसे मुख पर नहीं आने देते। मगर यह भी सत्य है कि स्वभाव से मुक्त होना बड़ा कठिन है। तुलसीदास जी से भी यही हुआ। वह नारियों की वंदना करते-करते चूक ही गए और उनके वास्तविक विचार इस चौपाई के रुप में बाहर आ गए।प्रवेन्द्र कुमारhttps://www.blogger.com/profile/00325260639142187083noreply@blogger.com