मेरा पक्ष
नीरज कुमार झा
पृष्ठ
(यहां ले जाएं ...)
मुखपृष्ठ
▼
गुरुवार, 11 अगस्त 2016
ठोस कालिमा
दीप अनेक जल रहे;
अंधेरा ज्यों का त्यों है।
यह अंधकार कुछ अलग है;
ठोस इसकी कालिमा है।
नीरज कुमार झा
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें