मेरा पक्ष
नीरज कुमार झा
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रविवार, 14 जुलाई 2024
अनादि से अनंत
रास्ता ही है
मंजिल नहीं है
लगी है भीड़ फिर भी
मार्गदर्शकों की
चलना ही है
पहुँचना नहीं है कहीं
अबूझ है
पथप्रदर्शकी
नीरज कुमार झा
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