मेरा पक्ष
नीरज कुमार झा
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गुरुवार, 28 मई 2015
खोखला शंख
सुनकर मेरा नाद
मत देखो मेरी तरफ
किसी उम्मीद से
मैं तो हूँ शंख
बिल्कुल खोखला
और बदनुमा भी
जिससे नहीं सज सकता तुम्हारा घर
बजता भी नहीं मैं फूँकने से
ध्वनित होता मैं यूँही
आवारा हवाओं के बहने से
नीरज कुमार झा
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