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शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

Diogenes of Sinope की तलाश

भरी दोपहरी, बीच बाज़ार,
बत्ती लेकर वह फिर निकला है.
भारी भीड़ों में धक्का खाते
वह एक अदद शहरी की तलाश में है.

नीरज कुमार झा

अध्ययन, अनुसन्धान, और संधान

अध्ययन, अनुसंधान, और संधान का महत्त्व नहीं समझते
नहीं समझते कि अनुच्छेदों के आयात से जीवन नहीं बदलते

नीरज कुमार झा

पढ़ाई की समझ

मौके की बात है,
कोई आखेटक है
और कोई आखेट है.
कारण है कि
हर कोई आखेट पर है,
और नृवंश निषिद्ध नहीं है.
यह तब है जब
सभी में लिखित समझौता भी है.
आवश्यकता,
जीवन और मरण वाली,
शर्तों की तार्किकता व व्यवहारिकता
और उनके क्रियान्वयन के
समझ की है.
सभी पढ़ाई-पढ़ाई कहते तो हैं
पढ़ाई का मर्म समझते नहीं हैं.
पढ़ाई से आती है समझ,
लेकिन उसके लिए आवश्यक है
कि हो पढ़ाई की समझ.

नीरज कुमार झा