इन बनते समीकरणों में भारत की स्थिति पूर्व की तुलना में काफी सुदृढ़ है। इस संदर्भ में सामान्य नागरिकों को दुनिया के घटनाक्रमों को समझने और उनपर चर्चा करने की जरूरत है। जनतान्त्रिक देशों की राजनीतिक संस्कृति में नागरिकों की भिज्ञता और चेतना की भूमिका निर्णायक होती है, जो राजनीतिक कार्यवाहों के क्रिया-कलापों की दशा और दिशा को निर्धारित करती है। यदि नागरिकों का राजनीतिक ज्ञान और सरोकार उच्चस्तरीय होगा तो अवश्य ही भारत अग्रणी देशों में अपना स्थान और ऊँचा कर पाएगा और सामान्य नागरिकों की स्थिति भी और अच्छी हो सकेगी।
नीरज कुमार झा
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