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शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

तुम कहो

तुम कहो
इसलिए नहीं कि
कोई सुनेगा.
तुम कहो इसलिए
कि कहना जरूरी है.
मुझे लगता है कि
कही कभी गुम नहीं होती.
वह तैरती रहती है हवाओं में और
घुलती रहती है सांसों में.

नीरज कुमार झा

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