मीडिया परोसता है जिसकी मांग होती है. मीडिया वह भी परोसता है जो सुरुचिपूर्ण और उचित है. भले ही उसकी मांग नगण्य हो. हम अपनी रुचियों और प्रवृत्तियों को भी परखें.
मीडिया हमें गढ़ता है. हम भी मीडिया को गढ़ते हैं.
मीडिया पक्ष लेती है. हमें पता कैसे चलता है?
हम भी पक्ष लेते हैं. हम इसको नहीं स्वीकार करते हैं.
अपनी बुद्धि गिरवी रखने के लिए कोई हमें नहीं कहता.
मीडिया वास्तव में हमारी प्रतिकृति है, अन्य किसी भी अभिकरण से अधिक.
नीरज कुमार झा
मीडिया हमें गढ़ता है. हम भी मीडिया को गढ़ते हैं.
मीडिया पक्ष लेती है. हमें पता कैसे चलता है?
हम भी पक्ष लेते हैं. हम इसको नहीं स्वीकार करते हैं.
अपनी बुद्धि गिरवी रखने के लिए कोई हमें नहीं कहता.
मीडिया वास्तव में हमारी प्रतिकृति है, अन्य किसी भी अभिकरण से अधिक.
नीरज कुमार झा
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