पृष्ठ

शनिवार, 15 जनवरी 2022

रंगमंच

रंगमंच पर दृश्य बदलते रहे
चरित्र आते-जाते रहे
भूमिकाएँ अपनी निभाते रहे
हर एक का चरित्र अलग
भूमिका भिन्न
लेकिन एक चीज सब में थी
कि तुम सबमें थे
और वे सब तुम में थे
जिनमें तुम नहीं थे
जो तुम में नहीं थे
वे नहीं थे

नीरज कुमार झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें