पृष्ठ

बुधवार, 2 जुलाई 2025

उक्ति और युक्ति

सद्जीवन को सुनिश्चित करने के लिए संरचनात्मक निर्माण और पारिस्थितिक अनुकूलन की आवश्यकता होती है। युक्तियों के बिना सूक्तियाँ चरितार्थ नहीं होतीं। भावनाएँ विज्ञान और तकनीकी के माध्यम से ही साकार हो सकती हैं।

नीरज कुमार झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें