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शनिवार, 6 जून 2015

साथ हो तो कोई बात है

ऊँचे झरोखे से झलक दिखा जाते हो 
हम भी जयकारे कर रह जाते हैं 
यह तो कोई बात नहीं हुई 
साथ हों बातें हों तो कोई बात है


नीरज कुमार झा 

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