मेरा पक्ष
नीरज कुमार झा
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मंगलवार, 9 जून 2015
कुछ बचा नहीं है
चिपक गए मुखौटे को उतारा है
शायद चेहरा सा कुछ बचा नहीं है
नीरज कुमार झा
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