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गुरुवार, 14 मार्च 2024

धार्मिक, रीलिजस नहीं

दो बड़े बौद्धिक नेता यूट्यूब पर अंग्रेजी भाषा में प्रदर्शन वार्तालाप कर रहे हैं। दोनों इस जानकारी को साझा कर रहे हैं कि एक सर्वे में भारत के अधिकतर लोगों ने बताया कि वे रीलिजस हैं। असल में, भारत के बहुसंख्यक जन धार्मिक हैं। दोनों यह समझ नहीं रख रहे हैं कि धार्मिक और रीलिजस होना सर्वथा भिन्न है।

इस विषय पर अधिकतर लोग भ्रमित रहते हैं। इसका कारण है कि एक बात धर्म और रीलिजन में दोनों में केंद्रीय महत्व का है, वह आस्था है।हालाँकि धार्मिक होने के लिए आस्थावान होना अनिवार्य नहीं है।

जिसको लेकर अंतर है वह मानव मस्तिष्क का एक दूसरा आयाम, विवेक, है। धर्म में विवेक और आस्था सहचर हैं और रीलिजन मे विवेक आस्था का अनुचर है। विवेक की स्थिति दोनों को विपरीत बनाता है।

नीरज कुमार झा

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