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रविवार, 26 सितंबर 2021

आज का भविष्य

विगत के दीपक का तेल खत्म हो चुका है और इस समय सूखी बाती फफक रही है। भविष्य हमारी दुनियाँ में तेजी से घर कर रहा है और यह वाला पहले के भविष्यों से बिल्कुल अलग और बहुत बड़ा है । इस आगत के सामने तमाम विगत नितांत बौने हैं। यह तय है कि यह बड़ा होने वाला हमारे पक्ष में ही होगा, लेकिन उलटा करवट बैठ गया तो निकट भविष्य में बहुत कष्ट देगा। लिखने का आग्रह यह कि सुधीजन के लिए विगताग्रहों से यथोचित मुक्त होकर भविषयोन्मुखी होना ही उपयुक्त है।

नीरज कुमार झा

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