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मंगलवार, 30 सितंबर 2025

तुम भी दीपक

रोशन होने की चाहत में,
मत बनो परावर्तक।
नहीं अधूरे, नहीं अंधेरे में तुम।
अमोल कृति हो तुम उसकी,
तुम भी दीपक हो
उसकी बनाई दुनिया में।

नीरज कुमार झा

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