मौन क्यों हो
बोलो तो सही
तुम नहीं तुच्छ
मुद्दे तुम्हारे नहीं गौण
बातें बड़ी अधिकतर
मुद्दे महान ज़्यादातर
तिकड़मियों के बुने मकड़जाल
जटिल और आकर्षक विन्यास
जीव फँस जान गँवाते
जाल में फँसे हो
फ़िर भी चुप हो
कम से कम बोलो तो सही
नहीं हो सिर्फ़ निवाला
तुम हो बोलो तो सही
तुम हो बोलो तो सही
- नीरज कुमार झा
लो जी बोल दिया.... अच्छी रचना...
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