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सोमवार, 11 सितंबर 2023

रामचरितमानस : सामाजिक रूग्णतारोधक

गोस्वामी ने रामचरितमानस की रचना भारतीय समाज की रक्षा के लिए की। भक्ति भावना के साथ गोस्वामी का उद्देश्य रामकथा को लोकसुलभ भाषा में प्रस्तुत कर लोगों का मानसिक विकारों से रक्षा करना था। इसकी गेयता इसे स्मरणीय बनाती है और लोगों के मानस में गुंफित हो यह उनकी आसुरी प्रवृत्तियों से रक्षा करती है। एक ग्रंथ भारत को अत्यंत विपरीत परिस्थितियों से निकाल कर ले आया। इष्ट के प्रति निष्ठा के वचन के अतिरिक्त यह ग्रंथ समाज के लिए संक्रमणरोग-प्रतिरोधी टीका (वैक्सीन) का कार्य करता आ रहा है । यह मानव मन के लिए एंटिवाइरस का कार्य करता है। इसलिए इसका नियमित पाठ जरूरी है। आज सामाजिक रूग्णता और वैयक्तिक मानसिक व्याधियों से रक्षा की लिए इसका नियमित पारायण और भी आवश्यक है। इसका पाठ कर व्यक्ति अपने मानस को स्वच्छ और स्वस्थ रख सकता है।

नीरज कुमार झा

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