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शुक्रवार, 6 नवंबर 2009

ख़ामोश शहर


शहर में शोर बहुत है
मगर  शहर ख़ामोश है
ख़ामोश है शहर लेकिन 
ख़ामोशी आवाजें लगाती हैं
सुनते नहीं लोग
क्योंकि शहर में बहुत शोर है


- नीरज कुमार झा


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