मेरा पक्ष
नीरज कुमार झा
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शुक्रवार, 6 नवंबर 2009
ख़ामोश शहर
शहर में शोर बहुत है
मगर शहर ख़ामोश है
ख़ामोश है शहर लेकिन
ख़ामोशी आवाजें लगाती हैं
सुनते नहीं लोग
क्योंकि शहर में बहुत शोर है
- नीरज कुमार झा
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