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गुरुवार, 4 जून 2015

मत लगा तोहमत चिरागों पे

किवाड़ भले ही सूखी लकड़ी के
दहलीज़ पर दिये रखे जाते हैं
झोपड़े भले ही फूस के
चिराग से रोशन होते हैं
मत लगा तोहमत चिरागों पे
घर नहीं जला करते चिरागों से
काबू कर आग मन की
घर इसी से ख़ाक होते हैं

नीरज कुमार झा

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