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सोमवार, 25 दिसंबर 2023

सभ्यता

सभ्यता सभ्य जीवन का स्थूल रूप है। सामान्य संपन्नता, स्वच्छता, स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुगमता, कलामयता, सौंदर्यबोध, तथा व्यवहार में विनम्रता सभ्य जीवन के महत्वपूर्ण अवयव हैं। यह नागरिकता की उन्नत स्थिति है, जो किसी देश के लिए अभीष्ट स्थिति है। इस स्थिति को प्राप्त या लगभग इस स्थिति के देश विकसित देश होते हैं।

विकसित स्थिति मूलतः सामाजिक मानस की स्थिति है। यह मानसिक स्थिति ज्ञान-विज्ञान की गवेषणा की सामान्य प्रवृत्ति है। भौतिक विकास इस मानस का प्रगटन है। वैसे, कोई भी समुदाय ज्ञान से रहित नहीं होता है, लेकिन अविकसित स्थिति में ज्ञान का उद्देश्य आत्म-संरक्षण अथवा स्व अथवा समूह वर्चस्व को प्राप्त करना होता है, वहीं विकसित स्थिति में ज्ञान का उद्देश्य उत्कृष्टता और तादात्म्य होता है।

उक्त कथन अत्यंत साधारण प्रकृति का प्रतीत होता है। 

नीरज कुमार झा

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