विकसित स्थिति मूलतः सामाजिक मानस की स्थिति है। यह मानसिक स्थिति ज्ञान-विज्ञान की गवेषणा की सामान्य प्रवृत्ति है। भौतिक विकास इस मानस का प्रगटन है। वैसे, कोई भी समुदाय ज्ञान से रहित नहीं होता है, लेकिन अविकसित स्थिति में ज्ञान का उद्देश्य आत्म-संरक्षण अथवा स्व अथवा समूह वर्चस्व को प्राप्त करना होता है, वहीं विकसित स्थिति में ज्ञान का उद्देश्य उत्कृष्टता और तादात्म्य होता है।
उक्त कथन अत्यंत साधारण प्रकृति का प्रतीत होता है।
नीरज कुमार झा
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