पृष्ठ

शनिवार, 27 अप्रैल 2024

होना

तुम्हारे होने से ज्यादा विस्मयकारी कुछ और नहीं है।
हर बात जो तुम्हें प्रभावित करती है, इस बात से छोटी है।
 
नीरज कुमार झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें