चोरी की बढ़ती वारदातों को लेकर मैं परेशान था
दोस्तों ने सलाह दी
मैंने एक कुत्ता पाल लिया
शुरू में उसने कुछ संदेहास्पद लोगों को देखकर तेवर दिखाए
लेकिन यह कुछ ही दिन चला
अब वह सारे रूआब मुझ पर ही झाड़ता है
वह मेरे बिछावन पर लेटता है
मेरी कुर्सी पर बैठता है
म्रेरे भोजन का बड़ा हिस्सा
मुझसे पहले डकार जाता है
और मैं यदि विरोध करूँ तो
मुझ पर गुर्राता है
मैं एक दिन पूछ ही बैठा
मालिक तू है या मैं
कुत्ते ने कहा
मैं हूँ मालिक
मैं हैरत में पड़ गया
वह कैसे
तू काम करता है
हाँ
मैं काम करता हूँ
नहीं
कौन मालिक हुआ
तुम
मेरा नाम सम्मान से ले
क्या कहूँ आपको
मालिक मेरे कुत्ताजी
ठीक है मालिक मेरे कुत्ताजी
मैं उसके तगड़े जबड़ो से झांकते
मजबूत दांतों को देखकर सहम गया था
खाना तो आप मेरा दिया खाते हैं
यह तेरा भ्रम है
कैसे
मैं पहले खाता हूँ
हाँ
तू मेरा छोड़ा खाता है
हाँ
फिर बता कौन किसको खिलाता है
आप मुझे खिलाते हो
लेकिन काम तो मैं अपना करता हूँ
यह भी तेरा भ्रम है
काम भी तू मेरी वजह से कर पाता है
वह कैसे
मैं सुबह-सुबह तुझ पर भूँकता हूँ
तभी तो तू काम पर जाता है
और काम कर पाता है
हाँ मालिक मेरे कुत्ता जी
मेरे पास कोई चारा नहीं था
कुछ दिनों के बाद तो उसने अति कर दी
उसने सर पर चमकने वाला सीसा बाँध लिया
और चलते वक्त सीटी बजाने लगा
अब यह क्या है
समझा नहीं
सिटी जैसे मैं बजाऊँ तू जहाँ का तहाँ खड़ा हो जा
संडास भी जा रहा तो बिलकुल ठहर जा
कुछ भी करूँगा तो मैं पहले करूँगा
जब तक मैं कुछ करूँगा
तू कुछ नहीं करेगा और चुपचाप रहेगा
मेरी अक्ल अब ठिकाने लग चुकी थी
मालिक मेरे कुत्ताजी
कहकर मैंने सलाम बजाया
शाबाश
शाबाशी पा
सच कहूँ मुझे अच्छा लगा
मजे से मैं
घर के कोने में उसका जूठन खाने बैठ गया
- नीरज कुमार झा
bahut khoob .
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