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गुरुवार, 17 अगस्त 2023

सामाजिकता के आधार

सामाजिकता के आधारों को लेकर विमर्श अल्प है लेकिन यहआवश्यक है। आधारभूत रूप से यह मानव की जैविक प्रकृति की उत्पति है। दूसरे छोर पर इसका कारक मानवजीवन के पारलौकिक लक्ष्य को लेकर मान्यताएँ हैं । दोनों छोरों के बीच, जन्म और मृत्यु के मध्यकाल में, सामाजिकता के प्रधान कारकों में अभाव और असुरक्षा हैं। सामाजिक उत्कृष्टता हेतु इन नकारात्मकताओं को न्यून करने और कला, साहित्य, क्रीड़ा, स्वास्थ्य, ज्ञान-विज्ञान और पर्यटन को लेकर सहकार की प्रधानता का मार्ग प्रशस्त करने की आवश्यकताएँ है। इसके लिए सामान्य जन की सुरक्षा सुनिश्चित और संपन्नता के पथ को निष्कंटक करना होगा।

नीरज कुमार झा

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