सत्य कोई परम सूत्र नहीं;
नहीं यह कोई अबूझ रहस्य।
यह यात्रा नहीं,
गंतव्य भी नहीं।
यह प्रयोग नहीं,
यह आविष्कार भी नहीं है।
सत्य सतत सत्प्रयास है;
संवेदना से युक्त क्रियाकलाप है।
सहानुभूति का भाव है;
स्वानुभूति की क्षमता है।
यह क्रूरों का प्रतिकार है;
दुष्टों का उपचार है।
यह सीमितताओं को चुनौती है;
संभावनाओं के प्रति सकारात्मकता है।
सत्य हमारा अस्तित्व है;
नहीं यह कोई अबूझ रहस्य।
यह यात्रा नहीं,
गंतव्य भी नहीं।
यह प्रयोग नहीं,
यह आविष्कार भी नहीं है।
सत्य सतत सत्प्रयास है;
संवेदना से युक्त क्रियाकलाप है।
सहानुभूति का भाव है;
स्वानुभूति की क्षमता है।
यह क्रूरों का प्रतिकार है;
दुष्टों का उपचार है।
यह सीमितताओं को चुनौती है;
संभावनाओं के प्रति सकारात्मकता है।
सत्य हमारा अस्तित्व है;
हर क्षण और कण इसकी धुरी है।
सच हमारा प्रतिदिन का जीवन है।
सच हमारा प्रतिदिन का जीवन है।
जीवन विजयी, सत्य जयी है।
नीरज कुमार झा
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