हम माता सीता और प्रभु राम की सनातन प्रजा हैं। अयोध्या नगरी प्रभु की राजधानी है। श्रीराम अपनी जन्मस्थली पर नवनिर्मित मंदिर में विराज कर हमें कृतार्थ करेंगे। हम भी संकल्प लें कि हम बनाएंगे अयोध्या को विश्व की श्रेष्ठतम नगरी और वैश्विक सभ्यता का केंद्र । अयोध्या मानव जाति के उत्कर्ष और कष्टनिवारण का केंद्र बने, ऐसी योजना का कार्यान्वयन हो। विश्व धर्ममय हो, यह हमारा दायित्व है; अयोध्या इसकी धुरी होगी, तो यह शीघ्र संभव है।
नीरज कुमार झा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें