इस फांस का काट सामाजिक समस्याओं और चुनौतियों का संवेदनात्मक चिह्नांकन और उसके निराकरण की मानवीय योजना है। इतिहास विषय को इस संदर्भ में दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। प्रथम, प्रकार्यात्मक इतिहास और द्वितीय, कौतुक इतिहास। पहला इतिहास वह है जो समकालीन समाज के लिए उपयोगी है और दूसरा जो मात्र कौतूहल शांति के लिए उपयोगी है। पहला इतिहास वर्तमान से विगत की ओर जाएगा और दूसरा अपने समय में ही देखा जाएगा।
नीरज कुमार झा
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