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सोमवार, 30 दिसंबर 2024

परख

बुद्धि ही है किसी की 
जहाँ ठहर जाता है
लोगों का बोध
कल्पना ही है किसी की
जो करता है
लोगों की कल्पनाओं पर राज
लोग बताते हैं
मिट्टी, पानी और हवा का
अच्छा या बुरा होना
जिनकी वजह से वे हैं
अधिकतर नहीं परख पाते उन्हें
जो उनकी वजह से हैं

नीरज कुमार झा

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