जहाँ ठहर जाता है
लोगों का बोध
कल्पना ही है किसी की
जो करता है
लोगों की कल्पनाओं पर राज
लोग बताते हैं
मिट्टी, पानी और हवा का
अच्छा या बुरा होना
जिनकी वजह से वे हैं
अधिकतर नहीं परख पाते उन्हें
जो उनकी वजह से हैं
नीरज कुमार झा
लोगों का बोध
कल्पना ही है किसी की
जो करता है
लोगों की कल्पनाओं पर राज
लोग बताते हैं
मिट्टी, पानी और हवा का
अच्छा या बुरा होना
जिनकी वजह से वे हैं
अधिकतर नहीं परख पाते उन्हें
जो उनकी वजह से हैं
नीरज कुमार झा
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