क्या सीखना है, क्या सिखाना है?
क्यों न हम इस पर विचार करें?
मानवीय गरिमा का मान,
शायद, पहला ही होगा उसका विषय,
परस्पर सम्मान हो शिक्षित की पहचान,
कैसे ऐसा उपक्रम करें?
अहं त्याज्य हो,
हर को हर किसी की अहमियत की समझ हो,
विश्वास योग्य बने सभी,
भरोसा करें एक दूसरे पर सभी,
कैसे ऐसी शिक्षा हो?
जलन नहीं सताए,
सराहना पनपे
साथी या किसी की सफलता पर,
दंभ नहीं उपलब्धि पर,
कृतज्ञता मन में उपजे,
कैसे ऐसी प्रवृत्ति हो?
स्वतंत्र हर जन,
प्रसन्न मन
सहयोग करें आपस में सभी,
कैसे ऐसी प्रेरणा हो?
अनिश्चितताओं के जीवन में,
अखंडित निष्ठा जन-जन में,
सभी जीवन का अर्थ बने,
कैसी हमारी योजना हो?
क्यों नहीं इस पर विचार करें,क्यों न हम इस पर विचार करें?
मानवीय गरिमा का मान,
शायद, पहला ही होगा उसका विषय,
परस्पर सम्मान हो शिक्षित की पहचान,
कैसे ऐसा उपक्रम करें?
अहं त्याज्य हो,
हर को हर किसी की अहमियत की समझ हो,
विश्वास योग्य बने सभी,
भरोसा करें एक दूसरे पर सभी,
कैसे ऐसी शिक्षा हो?
जलन नहीं सताए,
सराहना पनपे
साथी या किसी की सफलता पर,
दंभ नहीं उपलब्धि पर,
कृतज्ञता मन में उपजे,
कैसे ऐसी प्रवृत्ति हो?
स्वतंत्र हर जन,
प्रसन्न मन
सहयोग करें आपस में सभी,
कैसे ऐसी प्रेरणा हो?
अनिश्चितताओं के जीवन में,
अखंडित निष्ठा जन-जन में,
सभी जीवन का अर्थ बने,
कैसी हमारी योजना हो?
मानव-मन को कैसे तैयार करें?
नीरज कुमार झा
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