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सोमवार, 26 अगस्त 2024

मूर्खता नामक गुत्थी

यहाँ मूर्खता का संदर्भ सामुदायिक हितों को लेकर विचार हैं। अनेक विद्वान अधिकतर को मूर्ख समझते हैं और और कई उन्हें ही मूर्ख मानते हैं।गुत्थी यह है कि विद्वान के रूप में प्रतिष्ठित लोग भी एक-दूसरे को मूर्ख समझते हैं।

मूर्ख कौन है? कैसे पता चले?

मेरी समझ यह है कि मूर्खता नाम की कोई चीज नहीं है। यह सम्मानपूर्ण परस्पर संवाद की प्रवृत्ति का अभाव है। जिनमें यह प्रवृत्ति नहीं है, विद्वान होने के बावजूद उनकी मानसिकता दोषपूर्ण है।

नीरज कुमार झा

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