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शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

उपलब्धि

मेरी समझ से शिक्षकों की उल्लेखनीय उपलब्धि यह नहीं है कि उन्हें शिक्षार्थियों और अन्य से सम्मान मिला। उनकी उपलब्धि यह होगी कि उन्होंने अपने आचरण और वचनों से लोगों को मानवता, प्रत्येक मानव, जीवमात्र और अजीवों के प्रति भी सम्मान रखना सीखाया। सबसे ऊपर, उनका प्रधान कर्तव्य है कि जो भी उनके सम्मुख आये, उनमें वे आत्म-सम्मान की भावना का संचार कर सकें। उनके मानस में जीवन की महत्ता को उद्घाटित करें। यह विषय थोड़ा क्लिष्ट है। कई लोग अपने दंभ को आत्म-सम्मान के रूप में घोषित करते रहते हैं। दूसरी तरफ, ज्ञानियों के रूप में विख्यात भी जीवन की अवमानना को ज्ञान के रूप में संभाषित करते हैं। शिक्षक की सफलता यह है कि उन्होंने शिक्षार्थियों को अपने सर में मस्तिष्क की उपस्थिति और उसकी उपयोगिता से अवगत कराया है।

नीरज कुमार झा

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