हमारे जो चले गए
इतिहास क्या
अतीत भी न बन पाए
हमने उनकी यादों को
दफ़न किया ऐसे
जहन में हमारी
वे झाँक भी न पाए
विरासतें रही होंगी उनकी
हम वारिसों की बेपरवाही से
गुम हो चुके वे भी कहीं
छोड़ो उनकी जो चले गए
हमारा ही क्या
होकर भी हम कहाँ हैं
अतीत क्या और इतिहास क्या
हमारा तो वर्तमान ही नहीं
इतिहास क्या
अतीत भी न बन पाए
हमने उनकी यादों को
दफ़न किया ऐसे
जहन में हमारी
वे झाँक भी न पाए
विरासतें रही होंगी उनकी
हम वारिसों की बेपरवाही से
गुम हो चुके वे भी कहीं
छोड़ो उनकी जो चले गए
हमारा ही क्या
होकर भी हम कहाँ हैं
अतीत क्या और इतिहास क्या
हमारा तो वर्तमान ही नहीं
- नीरज कुमार झा
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