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शनिवार, 25 दिसंबर 2010

मानवीयता के साथ

मैं कभी-कभी सोचता हूँ 
कि यदि कोई है 
सरल, सच्चरित्र, संवेदना से पूर्ण
और करुण हृदय 
उसे करनी चाहिए 
कोशिश पूरी ताक़त से 
शक्ति और सत्ता के लिये 
ताकि रहे अनाहत उसकी मानवीयता 
पाशविकता के प्रहारों से 
फ़िर सोचता हूँ 
मानवीयता के साथ सत्ता 
क्या सम्भव है दोनों का साथ
मेरा अनुभव कहता है
चुनाव ही विकल्प है 
सामान्य मेधा व  संकल्प के व्यक्ति के लिये 
चुनाव ही जब करना है 
रहना चाहूँगा मैं 
अपनी आहत और जीर्ण 
मानवीयता के साथ

- नीरज कुमार झा 


5 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर विचार । बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
    एक आत्‍मचेतना कलाकार

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  2. बहुत सुन्दर भाव..प्रशंशनीय

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  3. अच्छे विचार - अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"

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  4. भावपूर्ण रचना... हर किसी को रहना चाहिए मानवियता के साथ।

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  5. manviyata ke sath satta ...........kalyugi rajnetaon mein asambhav hei..........

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