तुम्हें घबराने की जरूरत नहीं है,
नया संचारतंत्र तुम्हारा माध्यम और मंच है।
कृत्रिम बुद्धि देगी तुम्हें भाषा,
कृत्रिम बुद्धि देगी तुम्हें भाषा,
गढ़ेगी तुम्हारे लिए अवधारणाएँ और विचार
कहे तुम्हारे,
तुम्हारी अनुभूत भावनाओं से ।
तुम्हें भाषा मिलेगी,
मिलेगी अभिव्यक्ति,
अवधारणाएँ होंगी तुम्हारी,
विचार तुम्हारे होंगे,
तुमसे होंगे।
आभिजात्य वर्ग का विशेषाधिकार
साहित्य और दर्शन का विलास;
हाँ, तुम्हें पता है,
अब तुम भी कर सकते हो,
यंत्र है तुम्हारी मुट्ठी में।
समझो, होगा ऐसा पहली बार,
तुम रहे हो अभी तक,
बिना सुने-सुनाए,
सोच ही नहीं पाए क्या बताना है,
इतना सब सहते हुए।
तुम्हें मिलेगी फुरसत भी पहली बार,
उबाऊ, कमरतोड़
और जानलेवा भी,
काम करेंगे अब बोट,
तुम अपने मशीनीकरण से
उबरोगे पहली बार।
मत भी रहेगा तुम्हारे पास,
आजीविका का साधन भी,
प्राप्त होगा सबको आधार आय;
उत्पादन की क्षमता के विस्तार से
होगा सबका निर्वाह,
और जो यत्न करेगा,
होगा हिस्सेदार भी।
तकनीक पराप्रकृतिक नहीं
यह तुम में ही निहित है,
यह तुम्हारी ही क्षमता है
जो उत्तरोत्तर करती
सभ्यता का परिष्कार है,
बनाती मानव को और मानव है।
हाँ, तुम बढ़ाओगे पूँजीवाद को जितना,
पूँजीवाद सशक्त करेगा तुम्हें उतना,
जनतंत्र पूँजी की उपज है,
दोनों अन्योन्याश्रित हैं,
बस, इसे ध्यान में रखना।
नीरज कुमार झा
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