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बुधवार, 31 जुलाई 2024

वामपंथ के इतिहास से सीख

हालाँकि यह किसी भी क्रांतियोजना के लिए सही है, जैसा कि वामपंथ के साथ था। वे पंथ की विफलता का कारण रास्ते पर सही ढंग से नहीं चलना बताते थे। उनके अनुसार उनकी योजना पूर्णतया त्रुटिहीन और वैज्ञानिक थी और उसकी क्रियाशील स्थिति के संकट लोगों में व्याप्त अनैतिकता के कारण थी। इसे स्वयं वे वामवाद कहते थे, और उनके लिए इसका उपचार लोगों के साथ क्रूरता थी। प्रश्न यह है कि उन्होंने मानवों की मानसिकता, जो किसी मानवीय व्यवस्था का आधार है, को सही तरीके से दृष्टिगत क्यों नहीं किया? यह निश्चित रूप से उनके दावे के विपरीत उनकी योजना में वैज्ञानिकता का अभाव था।
 
बुद्धिमत्ता इसी में है कि जीने को निष्कंटक और सहज बनाने के लिए प्रयास होते रहने चाहिए। इसीसे सकारात्मक परिवर्तन आता है। आमूलचूल बदलाव के द्वारा समस्याओं का पूर्णरूपेण निदान एक भुलावा है, जो ऐतिहासिक विवरणों से स्पष्ट है कि उनमें से कई भारी आपदाकारी रहे हैं। यह अलग तथ्य है कि इतिहासकार उन सभी घटनाक्रमों का महिमामंडन करते हैं। जो चल रहा है, उसमें कैसे सुधार हो? इसके लिए बिना किसी के जीवन में विघ्न डाले विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के माध्यम से ज्यादा प्रभावकारी परिवर्तन लाये जा सकते हैं।
 
नीरज कुमार झा

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