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बुधवार, 31 जनवरी 2024

वशिष्ठ विश्व विद्यापीठ,अयोध्या धाम

भारतीय परंपरा के अनुसार मंदिर अध्यात्म और उपासना के स्थल होने के साथ शिक्षा और कला साधना के केंद्र हुआ करते थे। मुझे ज्ञात नहीं है लेकिन ऐसा ध्येय अयोध्या धाम पुनर्निर्माण योजना का भाग अवश्य होगा। यह अभीष्ट है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के गुरु वशिष्ठ के नाम से अयोध्या में एक शोध और शिक्षा केंद्र स्थित हो । अयोध्या धाम की मर्यादा और माहात्म्य के अनुरूप 'वशिष्ठ विश्व विद्यापीठ' विश्व में प्रत्येक दृष्टि से अद्वितीय हो लेकिन विशिष्टता हेतु इसका संकेन्द्रण वेद, आयुर्वेद, योग तथा अन्य अपेक्षित ज्ञान की विधाओं पर हो सकता है। इसके अंतर्गत विभिन्न पीठों के नामकरण भारत के महान आचार्यों और मनिषियों के नाम पर हो, जैसे कि आर्यभट्ट खगोल विज्ञान शोध एवं अध्ययन केंद्र। साथ ही श्रेष्ठता के लिए यह भी अपरिहार्य है कि यह पीठ पूर्णरूपेण स्वायत्त, स्वशासी और स्वपोषी हो। यह संस्थान सम्पूर्ण मानवता के लिए रामराज्य के मानक और माध्यम निर्धारित करेगा जिससे उपलब्धि संभव होगी : ''दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, रामराज काहु नहीं व्यापा।" वास्तव में अभी भी विश्व में एक भी शिक्षा केंद्र ऐसा नहीं है जो वैश्विक स्तर पर अखंडित मानवीयता और नैतिकता के प्रति लोगों को आस्थावान बनाएँ। यह ध्येय मर्यादा के अनन्य प्रतिमान रामचरित की प्रेरणा से संभव होगा। 

नीरज कुमार झा 

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