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सोमवार, 22 जनवरी 2024

प्रार्थना

अयोध्या काया
मन मंदिर है
विराजे प्रभु राम
माता सीता हैं
हृदय बसे हनुमान
श्रद्धा से भीगी आँखें हैं
सुबुद्धि की प्रार्थना
हाथ हमारे जुड़े हैं
 
नीरज कुमार झा

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