यदि कोई बहुत बुरा है तो उसकी भर्त्सना करने के साथ, अथवा कोई बहुत अच्छा है तो उसके गुणगान के करने के साथ हमें यह भी सोचना है कि लोगों को बहुत बुरा करने की छूट, और बहुत अच्छा करने का मौका कैसे मिल रहा है। हमें व्ययस्था पर विचार करना चाहिए।
नीरज कुमार झा
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