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शनिवार, 19 अक्टूबर 2024

सत्य जीवन

सत्य अज्ञेय, बोध भी सत्य है 
निरंतर सत्य, अंतर भी सत्य है 
जीवन सत्य, सनातन है  
आत्ममय, यह चराचर है 
धर्म एकता, सौहार्द, और सहयोग है 
अधर्म अनेकता, घृणा, और वैमनस्य है 
अधर्म रूग्णता, निवारण उसका धर्म है
धर्म सत्य,  धर्म कर्म जीवन है

नीरज कुमार झा 




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